Sunday, 30 August 2020

Hindi story - एक कहानी ऐसी भी

Hindi story - एक कहानी ऐसी भी

Hindi story - एक कहानी ऐसी भी

 Hindi story एक कहानी ऐसी भी

 Hindi story एक कहानी ऐसी भी एक गांव में रहने वाली बच्ची जो अपने उम्र से भी ज्यादा बड़ी बाते किया करती थी। उसने अपने पिता को बचपन में ही खो दिया था,लेकिन मा के प्यार और संस्कारों ने उसे हर परिस्थिती से लड़ना और समझदारी से हर काम करना सिखाया था।


Hindi story एक कहानी ऐसी भी.........


एक बार की बात है जब उस बच्ची की मामी ने उसकी शादी बचपन में ही करने का सोचा,"मां मजबुर थी वह चाह कर भी कुछ नहीं कर सकी क्योंकी गांव में हर कोई अपनी बच्चीयो की शादी बचपन में ही करा दिया करते थे।


गांव के सरपंच के बेटे जो हाल ही में बाहर शेहर से अपनी पढ़ाई करके अपने गांव आए थे। जब उन्होंने देखा कि किसी छोटी सी बच्ची की शादी एक बूढे आदमी से कि जा रही है तो वह खुद को रोक नहीं पाए और वह जाकर सभी से लडने लगे।


काफी समझाने और लडने के बाद भी कुछ हासिल नहीं हुआ किसी को उनकी बाते समझ नहीं आई सभी बस अपने बच्चों की ज़िंदगी खराब करना ही उनकी भलाई समझते थे, शादी होने ही वाली थी कि जब तक वह बूढ़ा आदमी मर गया और वह बच्ची खुद को क़िस्मत वाली समझ रही थी।


लेकिन उसकी मामी कहा इतनी जल्दी उसे ऐसे छोड़ने वाली थी उसने उस सरपंच के बेटे को ही दोषी करार दिया, उसकी वजह से ही इस लड़की की शादी से पहले ही इसे विधवा बना दिया,"अब इस लड़की को अपना बाल काटना होगा और एक सफेद साड़ी में अपनी पूरी जिंदगी बितानी होगी"।

Hindi story - एक कहानी ऐसी भी


सरपंच का बेटा (अनिल) वह सोचने लगा अभी तो इस बेचारी की शादी भी नहीं हुई फिर भी इसे एक विधवा बनाया जा रहा है, कैसे कर सकते है यह लोग इसके साथ ऐसा?? फिर  उसने कोशिश की सभी को रोकने कि कहने लगा क्या मिलेगा यह सब करके????


इतने में ही उस लड़की की मामी बोली अब कोन करेगा इससे शादी इसका पति तो शादी से पहले ही मर गया अब इसको  एक विधवा वाली ज़िन्दगी जीनी होगी बिलकुल अपनी मां की तरह।


अनिल यह सब सुन कर बहुत ही परेशान हो गया वह समझ नहीं पा रहा था कि अब क्या करेगा कैसे उस लड़की को बचाए उसने सोचा कि ऐसे विधवा वाली ज़िन्दगी देने से अच्छा है कि मैं शादी कर लेता हूं इससे।


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और वह शादी करने के लिए बोल देता है, शादी करने के बाद भी वह खुद के लिए गए फैसले पर ही बहुत पचतावा कर रहा था क्यूंकि वह लकड़ी उससे बहुत ही छोटी थी वह घबरा रहा था अब कैसे अपने घर वालो को यह सब समझाएगा।

  

घर जाते ही वह लड़की को एक अलग रूम में रहने को बोल देता है और अपने कमरे में चला जाता है।कुछ देर बाद सभी घर वाले अनिल से सवाल - जवाब करने लगते है। किसी को समझ नहीं आया कि अनिल यह सब क्यों किया और उसने किसी को अभी कुछ समझना सही भी नहीं समझा क्योंकी कोई उसकी बात नहीं समझ पाएगा।


लड़की हर  छोटी बड़ी बातो पर सवाल करती। यह कैसे होता है, यह क्यों हुआ , मैं अपनी मां के साथ क्यों नहीं रह सकती, हर एक छोटी से छोटी बात पर उसके सवाल करने की आदत सभी को परेशान करने लगी लेकिन अनिल को उसकी बाते बहुत अच्छी लगती थी।


उसे ऐसा लगता था कि यह लकड़ी एक दिन जरूर सबकी सोच बदलेगी और इस गांव के सभी लोगो को एक समझदार और सही सोच वाला इंसान बना सकती है। फिर अनिल ने कुछ दिन बाद ही उस बच्ची को पढ़ना लिखना शीखाने लगा।


पूरे गांव में आज तक किसी ने अपनी लड़की को नहीं पढ़ाया सभी बस  अपनी लड़कियों को घर का काम और खाना बनाना चुप चाप हर बात को शेहना और चुप रहना ही सिखाते थे, वह पहली लड़की थी जिसने पढ़ना लिखना सीखा अनिल के लिए यह सब इतना आसान नहीं था।


हर मोड़ पर उसे खुद को साबित करना पड़ता था और सभी से लड़ना पड़ता था लेकिन फिर भी वह हर दिन सबसे लड़ कर उसे पढ़ाता और उसकी सारी बातो और सवाल का जवाब दिया करता था।


कुछ साल बाद ही वह लड़की बहुत अच्छी हो गई थी पढ़ने में अब वह एक वकील बन सकती थी इसलिए अनिल ने उसे वकालत की पढ़ाई के लिए बाहर ले गया जहां कोई उस लड़की को परेशान ना करे और उसकी पढ़ाई पूरी हो जाए।


परीक्षा हुई और लड़की पास हो गई वह बहुत अच्छे अंकों से पास हुई धी इसलिए अनिल बहुत ही खुश था। क्यूंकि जो लड़की कल तक खुद के लिए नहीं लड़ सकती थी आज वह सभी के लिए लड़ेगी।


और इस गांव को बदलेगी, सबसे पहले बदलाव  अपने घर से होगा फिर गांव में ऐसे ही वह लड़की सबके घर - घर जाके पता करने लगी थी कि क्या अभी भी अपनी  लड़कियो को यह लोग नहीं पढ़ाते ???


धीरे धीरे सभी लोग अपनी सोच में बदलाव लाने लगे थे।

अब गांव में बहुत कुछ बदलाव आने लगा था सभी के सोच में बदलाव आने लगा है अब अपने बच्चो को पढ़ने के लिए स्कूल भेजने लगे फिर चाहे वो लड़की हो या लड़का।


अनिल का मकसद भी पूरा हो गया था सालो पहले लिए हुए फैसले पर अब उसको कोई पछतावा नहीं था अब सभी अपने गांव में ही रह कर अच्छी पढ़ाई कर सकते है और अब किसी लड़की को अपनी जिंदगी में छोटी सी उम्र में शादी नहीं करना होगा।

सीख - जो होता है अच्छा होता है कभी भी अपने क़िस्मत पर रोना नहीं चाहिए और हर परिस्थिती से लड़ना चाहिए।


हर कोई अपने हक और अधिकार के लिए लड़ सकती है।

कैसी लगी यह कहानी hindi story एक कहानी ऐसी भी comments में जरूर बताएं और स्टोरी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।





Friday, 21 August 2020

Kahani in Hindi || हिंदी कहानी || short story in Hindi

 Kahani in hindi हिंदी कहानी short story in Hindi। 
 
हम सभी ने सच्ची दोस्ती, मां,और प्यार पर बहुत से कहानी पड़े और सुने है। लेकिन आज में आप सभी से इस kahani in hindi हिंदी कहानी short story in Hindi में 
पिता और बेटी का रिश्ता कैसा होना चाहिए यह हम इस short story में जानेंगे।

सायद आप सब भी इस हिंदी कहानी को पड़ते टाइम थोड़ा उदास हो जाओगे क्योंकि मैं खुद यह कहानी लिखते वक़्त रोने लगी थी।तो चलिए शुरू करते है kahani in hindi हिंदी कहानी short story in Hindi

रानी जो सिर्फ नाम से ही नहीं सच में अपने घर की रानी थी। सभी घर में उससे बहुत प्यार करते हैं, आखिर क्यों ना करते वह है भी तो इतनी चंचल और मस्ती खोर, माता - पिता और वह एक अकेली लड़की बस इतना छोटा सा परिवार था लेकीन प्यार बहुत है सभी में।

रानी के पिता उससे बहुत ही प्यार करते थे और एक दोस्त की तरह रहते थे,उसके साथ खेलना,उसकी पढ़ाई में उसका साथ देना और उसकी सभी जरूरत पूरी करना, जों हर पिता अपनी बेटी के लिए करता है

इस बार रानी १४ साल की होने वाली थी और उसका जन्मदिन बनाने के लिए रानी और उसके माता - पिता सभी रानी के दादी के घर गए थे।बड़ी ही धूम धाम से जन्मदिन बनाया गया। दूसरे दिन रानी और उसके माता पिता अपने घर आ गए।


कुछ दिन बाद रानी का पेट अचानक से दूखने लगा,रानी ने सोच मैं सो जाती हूं कुछ समय में ये खुद सही हो जाएगा और वह सो गई, सुबह जब उसकी आंख खुली तो उसके कपडे और पूरा बिस्तर लाल हुए पड़ा था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था,यह सब क्या है और ऐसा क्यों हुआ?......

उसने जोर - जोर से अपने पिता को आवाज लगाई, लेकिन उसी समय उसकी मां आ गई उसके कमरे में उसने मा से पूछा "क्या है ये सब मा कल मेरा पेट दुःख रहा था और आज ये सब हो गया मा" पापा को बुलाओ मुझे पापा की जरूरत है मैं ये दर्द नहीं ब्रदाश कर सकती।



मां - अरे! बच्चा कुछ नहीं हुआ आप को आप अब बड़ी हो चुकी हो और यह बात आप अपने पिता से मत कहना।

रानी - क्यों? मां क्या हुए है मुझ।

मां - कुछ नहीं यह सब हर लड़की और हर महिला को होता है आप मुझसे वादा करो कि आप यह बात अपने पिता से नहीं बोलोगी यह बात बस हमारे बीच रहेगी।

रानी - ठीक है मां जैसा आप बोल रही हो मैं वैसा ही करूंगी, यह  बात बस हमारे बीच में ही रहेगी।

मां - अब जाओ नहा लो और अपने कपड़े बदल लो और मैं तुम्हे एक pad  दे रही हूं नाहने के बाद इसे use कर लेना।

      फिर मां वहां से चली गई। "रानी ना जाने क्यों खुद को बहुत ही कमजोर महसूस कर रही थी,और वह सोच रही थी आज तक मेरे और पापा के बीच कोई बात नहीं चूपी तो मां ने मुझे ये बात पापा से बताने मना क्यों किया?

 यह तो सभी को आता है सभी को पता है फिर इसे चुपाया क्यों जाता है।अब मैंने मां से वादा कर दिया तो में चाह कर भी पापा से कुछ नहीं बता सकती।मुझे कैसे भी करके यह बात खुद तक रखनी होगी।

उसके बाद से हर महीने जब भी रानी का पेट दिखता तो मां उसे pad लाकर दे देती और रानी को आराम करने को कहती, कई बार उसके पिता ने पूछा भी की कर महीने रानी का पेट दुखने लगा है क्या हुए है उसे वह ठीक है ना?

हा , हा ....आप फिक्र मत करो आप की बेटी बिलकुल ठीक है वह बस कल कुछ ज्यादा ही बाहर का खाली थी इसलिए उसका पेट दुःख रहा है लेकिन मैंने उसे दवा  दे दिया कुछ समय में आराम हो जाएगा।

कई महीने ऐसे ही चलता रहा और रानी के पिता भी ज्यादा कुछ नहीं पूछते थे। फिर एक दिन सभी ने घूमने का प्लान बनाया और दादी के घर चले गए वहीं से सभी जाने वाले थे,
दादी के घर जाते ही सब अच्छे से ready होके घूमने चले जाते है।

दिन भर घूमने के बाद रात में सभी बहुत थक चुके थे सब घर आते ही सोए गए, अब फिर से रानी का पेट दुखने लगा।"अरे! मैं तो भूल गई मेरा date आने वाला था, मैं तो pad भी नहीं लाई और मां भी सो गई अब मैं क्या करू किसको बोलूं।

कितना अच्छा होता कि यह बात पापा को पता होती तो इस समय मैं ऐसे परेशान नहीं होती बल्कि अभी तो पापा खुद मुझे pad लाके देते और हम साथ में बैठ कर कितनी सारी चॉक्लट खाते पता नहीं ऐसा कभी होगा भी या नहीं।और फिर वह अपने कपडे में से कई सारे पैंट निकली और उसे पहन कर सो गई।

उसे लगा कि ऐसा करने पर सुबह तक किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। लेकिन सुबह सबसे पहले उसके रूम में उसके पिता ही आ गए थे रानी को ऐसे सोते देख उन्होंने उसे उठाना सही नहीं समझा और वह रानी के पैंट में लगे दाग देख कर वहा से चले गए।



कुछ समय बाद उन्होने रानी के रूम में pad लाके रख दिया और साथ में ही कुछ चॉक्लेट भी और एक लेटर भी था। रानी जब सो कर उठी तो उसने देखा कि पैंट में दाग लग गया और पता नहीं कोन -कोन आया होगा मेरे रूम में फिर जब उसकी नजर pad पर पड़ी तो उसे लगा मां ने रखा होगा।

लेकिन चॉक्लेट और लेटर देख कर वह समझ गई कि यह बात पापा को पता चल चुकी है और उसने मां से किया वादा तोड दिया,पता नहीं अब मां क्या बोलेंगी मुझे मैंने ये सब जानबूझ कर नही किया।

उसने  फिर अपने पिता के रखे हुए लेटर को खोला और पड़ना शुरू किया " बेटा मुझे बहुत खुशी हुई यह जान की अब मेरी लड़की बड़ी हो गई और वह अब इतनी समझदार भी हो गई कि उसने यह बात मुझ तक नहीं आने दिया और इतने महीनों से अपना दर्द खुद तक छुपा कर रखती रही, लेकिन अब मैं आप के साथ हूं।

रानी अब बहुत खुश थी कि उसे अब अपने पिता से झूट नहीं बोलना होगा हर महीने और अब वह खुद अपने पिता के साथ shopping करते समय pad ला सकती है।

Kahani in hindi हिंदी कहानी short story in Hindi कैसी लगी कमेन्ट में जरूर बताएं।

क्यों हम लड़कियों को अपना ये दर्द सभी से छुपाने को कहा जाता है ये तो उप्पर वाले ने ही किया है तो इसमें हम क्या कर सकते है मेरा यह कहानी लिखने का एक ही मकसद है कि जैसे रानी के पिता उसकी हिम्मत बने और उसको समझे वैसे सभी पिता यह बात समझ सके।

 कहनी अच्छी लगी तो शेयर करुर करना।

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Tuesday, 18 August 2020

Father story in hindi motivational stories

Father story in Hindi motivational Stories एक लड़के से पिता बनने तक का सफर.

हर घर और परिवार के सबसे मजबूत जड़ पिता ही होते है,जों अपने पूरे परिवार को संभालते है।बिलकुल एक पेड़ की जड़ की तरह,पेड़ की जड़े जितनी मजबूत होती है पेड़ उतना ही हरा -भरा और बड़ा होते जाता है। वैसे हमारे पिता भी होते है।आज की कहानी एक सच्ची कहानी है father story in Hindi motivational Stories एक लड़के से पिता बनने तक का सफर।
 
Real story for father 
Father love

एक छोटे से गांव में रहने वाला लड़का|उन्होंने अपनी उम्र से ज्यादा अपनी ज़िन्दगी में उतार- चड़ाव देख चुके थे।और वह नहीं चाहते थे कि उनके वजे से  किसी की लाइफ खराब हो इसलिए उन्होंने फैसला किया कि वह शादी नहीं करेंगे।

लेकिन घर और परिवार के सामने किसकी चलती है?हम सभी को अपने परिवार वालो की बात सुननी होती है,वैसे ही उन्होंने भी परिवार वालो के खुशी के लिए खुद के किए गए फैसले को बदल दिया और शादी कर लिए।

अब शादी हुई है तो उनका एक अपना परिवार भी बनेगा आगे भविष्य में, " इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न कहीं बाहर शहर में जाके काम किया जाए, जिससे कि मैं अपने परिवार वालों का अच्छे से ख्याल रख सकूंगा।

और वह मुंबई शहर में आके अपने एक दोस्त के पास रहने लगे। परिवार और अपनी पत्नी से दूर, " कुछ दिन तक  वह ऐसे ही यहां - वहां काम की तलाश में भटकते रहे लेकिन उन्हें  काम कहीं नहीं मिला"  फिर भी उन्होने उम्मीद बनाए रखा और हिम्मत नहीं हारी।

घर से जब भी call आता तो कह देते मै ठीक हूं,और मैं जल्दी ही पैसे भेज दूंगा। वह अपनी तकलीफ किसी से नहीं बताते क्योंकी वह किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे।

दिन ऐसे ही गुजर रहे थे काफी दिन हो चुका था उन्होंने सही से पेट भर खाना भी नहीं खाया था। "उप्पर वाले के घर देर है अंधेर नहीं"! यह कहावत तो सभी से सुना होगा।

उनका भी एक सही समय आया उन्हे एक जगह काम मिला, फिर उन्होंने अपने पूरी ईमानदारी और लगन से काम करने लगे। उसके कुछ ही दिन बाद घर से फोन आया और खुश खबरी थी, वह पिता बन चुके थे।
यह सुन कर उन्हे कितनी खुशी हुई होगी इसका अंदाजा आप सभी लगा सकते है।

लेकिन बुरी बात यह थी कि वह अपने बच्चे को देख नहीं सकते थे "दूर थे ना अपने परिवार से और उस समय smart phone भी नहीं हुआ करता था"। फिर भी उन्होंने अपनी खुशी एक पत्र के जरिए लिख कर भेज दिए।

समय बीतता गया........

कुछ साल बाद......."खुश थे वह काफी क्योंकि वह अपने घर जा रहे थे। उनका पहला बच्चा जिसे उन्होंने अभी तक नहीं देखा अब उसको देखने की खुशी इतनी थी कि बस वह जल्दी से अपने गांव पहुंच जाए। घर पहुंचे ही सबसे मिलें और अपने बच्चे को पिता का प्यार भी दिए"।

अब उनका एक परिवार बन कुछ था , तो उन्होंने इस बार अपने पत्नी और बच्चे को भी साथ लेकर जाने का फैसला किया। शहर जाते ही वह फिर से काम करने लगे, दिन भर काम करके थके हुए पिता फिर भी अपने बच्चे के साथ खेलते और सारी थकान भूल जाते थे।

सब सही चल रहा था,की एक दिन किसी दुर्घटना में उनके एक आंख में काफी चोट लग गई और वह कई दिनों तक अस्पताल में रहे। अस्पताल में कई दिनों तक रहने के कारण अब उनका काम भी छूट गया और आंख में लगने के वजे से उन्हे एक आंख से कम - बहुत - कम दिखने लगा था 

उन्होंने इसे अपने कमजोरी ना समझते हुए,सब कुछ भूल कर  अपने कुछ जमा किए गए पैसों से एक छोटा सा दुकान चालू किया।जिसमें उनकी पत्नी भी उनकी मदद करती थी। ईमानदार और मेहनी होने के कारण उस छोटे से दुकान से उन्होंने बहुत कुछ किया।

लोगो का दिल भी जीते और अपनी एक पहचान बनाई जिस बस्ती में वह रहते थे वहां  हर कोई उन्हे उनकी ईमानदारी से पहचानता था जिसके चलते उनकी दुकान भी अच्छी चलने लगी।और धीरे - धीरे उनका परिवार और बड़ा होने लगा था अब उनके ३ बच्चे थे।

उन्होंने अपने बच्चो को कभी भी उस माहौल से नहीं गुजरने दिया जिसे वह निकल कर आए है।  २० की उम्र में शादी हुई थी।अपनी मेहनत से उन्होंने अपने बच्चो के लिए बहुत कुछ किया,कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होने दिए।

२००५ में उन्होंने सबसे पहला घर लिया, फिर ऐसे ही धीरे - धीरे अपने सभी बच्चो के नाम पर एक - एक घर लिया, सभी को अच्छे से पड़ाए और एक अच्छा और सच्चा इंसान बनाए। 

जिन्दगी में इतना सब होने के बाद भी वह हमेशा मेहनत करते हैं और आज भी वह पिता खुद अपना घर चला रहे है। पिता बनना तो बहुत आसान है लेकिन पिता का फर्ज पूरा करना इतना आसान नहीं होता।
तो कहानी यही ख़त्म होती है.........

देखा दोस्तो हमारे पिता कितना कुछ करते है हम सभी के लिए और हम सब उन्हे समझ नहीं पाते, बहुत सारी कहानियां मा पर होती है, पिता पर बहुत ही कम लिखा या सुना जाता है।

इस कहानी को लिखने का मेरा मकसद बस इतना था कि हम सब अपने पिता को समझे और उनका हिम्मत बने और उन्हे अहसास दिलाए की "वह है तो हम है"

कैसी लगी यह कहानी आप सभी को comment में जरूर बताएं और इस कहानी father story in Hindi motivational Stories एक लड़के से पिता बनने तक का सफर। इसे share जरूर करे।

 इस कहानी को भी पड़े पसंद आयेगी.



Friday, 14 August 2020

A true friendship story in hindi

A true friendship story in Hindi.

जब भी हम किसी भी मुसीबत में होते है तो हम सभी को सबसे पहले अपने दोस्तो की याद आती है, खुशियों में तो हर कोई साथ देता है असली दोस्त तो वो ही है जो हमारे बुरे वक़्त में साथ हो। तो आज की कहानी दोस्ती पर है true friendship story in Hindi....

        "दिल टूट चुका था,प्यार में धोका मिल गया था।जबकि उसका प्यार ५ सालो था लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। प्यार में किए वादे,और सारे सपने, उन ५सालो का प्यार सब कुछ एक पल में खतम हो गया"।

 बहुत बुरी हालत में थी वह लड़की (जोया) सभी से दूर रहने लगी थी बस अकेले एक कमरे में रह कर रोया करती,उसे ऐसा लग चुका था सब कुछ खत्म हो चुका है अब उसकी लाइफ में कोई नहीं है।

लेकिन कब तक ऐसा चलता आखिर कब तक वह खुद को ऐसे हालात में रखती, फिर उसने खुद को संभाला और एक नई शुरआत करी फिर वह पुरानी सारी yaade भूलने के लिए खुद को अपने phone में busy रखने लगी और अपने कुछ दोस्तो से बात करती लेकिन कोई ऐसा नही था जो उसे समझ सके जिसे वह एक ture friendship बोले।

उसका सारा time social sites पर ही निकाल जाता था,फिर इसी बीच एक दिन facebook पर उसे किसी prem varma का msg आता है कुछ समय तक तो वह उस लडके का msg ka kuch reapy नहीं  करी थी।लेकिन एक दिन अचानक से ना जाने कैसे उसने reapy किया।

Friendship story in Hindi
जोया  -hey....


प्रेम -hiii miss Mumbai, कैसी हो आप?

जोया -yes,I am good आप कैसे है?

प्रेम - हम तो ठीक ही रहते है।,तो करती क्या है आप?

जोया - study 

प्रेम - इतने दिन बाद reapy सही है ,आप लड़कियां तो बहुत भाव खाती है,लगता है आप का bf है इसलिए तो आप बात नहीं करना चाहती है।

जोया - sad हो जाती है,फिर वही सब याद आ जाता है उसे और जवाब देते हुए कहने लगती है। हा था ५ सालो का relationship था पर अब नहीं है।

प्रेम - क्यों- ? तुम तो दिखती भी अच्छी हो फिर भी उसका दिल कहीं और लग गया (मजाक में कहने लगा)

जोया -  ok चलो by.....

प्रेम  - अरे!wait,wait... बूरा मत मानों yrr मैं तो मजाक कर रहा था।sry sry आप को बुरा लगा तो ..

जोया - ok by..... फिर कभी बात करते है।

जोया को एक अच्छा दोस्त मिल गया था जो उसे समझ सके और इसे फिर से सही कर सके।लेकिन फिर भी वह ज्यादा बात नहीं करती थी,कुछ दोनों तक तो वह online ही नहीं आई। 

दोनों का ही दिल टूटा हुआ था। ऐसे में तो हर किसी को बस एक अच्छे दोस्त की तलाश होती है, जों उन्हे समझे और खुद पर भरोसा रखना सिखाए।

कई दिनों तक प्रेम online आता और जोया को offline देख कर वह भी चला जाता,उसे उसकी फिकर होती है,हुआ क्या होगा वह ठीक तो हिगी ना? आखिर दोस्त हू मै उसका मुझे कुछ तो पता करना होगा।

फिर एक दिन अचानक से.......

जोया का msg आता है।

Hiii,

प्रेम - अरे! कहा थी इतने दिनों तक?

जोया - वो क्या है ना phn hi गायब हो गया था,अभी नया लिया। वैसे आप  क्यों पूछ रहे है?

प्रेम  - दोस्त हू आप का में हक है मेरा पता करना आप ठीक है या नहीं।

जोया - अच्छा?...... हा, हा  पहले से थीं हू।क्या आप की कोई gf  नहीं है?

प्रेम - थी लेकिन अब नहीं है, बिना कुछ बोले ही उसने मुझे छोड़ दिया।

जोया - अच्छा तो आप का भी दिल टूटा हुआ है? हा आज कल सच्चा प्यार  किसी अच्छा ही नहीं लगता है।

प्रेम - दोस्ती ही अच्छी होती है yrrrr....

जोया - सही बोले।

ऐसे ही दोनों की दोस्ती और अच्छी होती गई प्रेम भले ही online वाला दोस्त था उसका लेकिन वह हमेशा उसका साथ देता था जब भी जोया को कोई probmle होती तो वह सबसे पहले उसे है बताती थी।

तो देखा आप सबने दोस्तो, दोस्ती बस दिल से होने चाहिए चाहे दूर हो या पास बस साथ देना जरूरी होता है।और प्रेम ने यह बात अच्छे से सीखा दिया social sites वाली दोस्ती भी किसी से कम नहीं होती।

तो कैसी लगी यह कहानी ture friendship story in Hindi comment में जरूर बताएं और इसे आगे भी शेयर करे ताकि सबको यकीन हो दोस्ती दोस्ती होती है चाहे हो पास की हो हा दूर की,बस निभाना आना चाहिए। 


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Wednesday, 12 August 2020

एक साथ बड़ा कदम motivational inspirational story in Hindi

Motivationa Story in hindi एक साथ बड़ा कदम

Hii दोस्तो उम्मीद है सभी अच्छे होंगे,आज की स्टोरी में उन बच्चो के बारे में बताया गया है।जों बचपन से या किसी दुर्घटना के कारण चल नहीं पाते,तो कहानी शुरू करे..... Inspirational Motivational Story in Hindi एक साथ बड़ा कदम। विशाल कि लाइफ कुछ सालो से नचाहते हुए भी इस व्हीलचेयर(wheelchair) पर ही बीत रही थी। उसका एक दोस्त (नीलेश)जो हर समय उसके साथ रहता था। पूरी स्टोरी यहां से है......
 
    नीलेश।"पापा मै वहां दुबारा नहीं जानें वाला, विशाल बहुत ज़िद्दी और बिगड़ा हुए छोकरा है। वह हमेशा बस अपनी ही चलाता है सारे अच्छे खिलौने अपने पास रख लेता है और मुझे हथियार देकर दुश्मन की सेना बना देता है।

  उसके पिता चुप रहे,हालाकि वह सब सुन रहे थे। लेकिन फिर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा।

नीलेश-   "पापा आप सुन नहीं रहे क्या ?कुछ बोल रहा हूं में आप से और वह चिल्लाने लगा। 

"तुमने जों कहा है, वो सब मैंने सुना उसके पिता ने जवाब दिया। जो बात तुम्हे नहीं पसंद है उसके लिए मैं तुम्हे जबरदस्ती बिलकुल नहीं करना चाहता हूं।इतनी सब बात हुआ फिर वह दूसरे दिन विशाल के घर नहीं गया।

 नीलेश अब दूसरे दिन बल्लेबाजी(batting) करने चला गया शाम के 6 बजते ही,अचानक से उसकी नजर विशाल के घर के खिड़की पर पड़ी उसे लगा की विशाल उसे खिड़की से देख रहा है,और वह आऊट(out) हो गया।नीलेश को लगने लगा कि इसकी वजह भी विशाल है।

इतना सोचते हुए वह अपने सभी दोस्तों को बिना कुछ बोले पार्क(garden) से विशाल के घर की तरफ चला गया और दरवाजे पर पहुंचते ही विशाल के पिता कहने लेने "बेटा आज इतना लेट हो गए आप विशाल कबसे आप का wait कर रहा है," उसे अपने मन में उसकी गलती का अहसास हुआ।

विशाल दरवाज़े के पास ही था।धीरे -धीरे उसने अपनी व्हीलचेयर(wheelchar) घुमाया और नीलेश के सामने आया।"तुम अपनी(batting) क्यों छोड़ आए?क्या तुम आउट (out) हो गए?"

नीलेश -हा "मैं आऊट हो गया था,फिर उसे लगा कि सयाद विशाल की आंखे लाल है। उसने पूछा? क्या तुम ठीक हो मुझे कुछ देर हो गई आने मै इसलिए तो कहीं तुम उदास नहीं हो ना?

"इस कहानी से हमें motivational होने मिल रहा है और यह बहुत ही inspirational भी है"।

विशाल ने कुछ नहीं कहा वह बस अपने खिलौने को देख रहा था और अपने मन मै ही ना जाने कितने दर्द को छुपा रहा था।वह खुद से ही सवाल करने लगा, क्या? मेरी ज़िन्दगी में रोना ही लिखा है क्या मै कभी चल नहीं पाऊंगा, उन लोगो की तरह भाग नहीं पाऊंगा,मेरे साथ ही क्यों हुए ऐसा उस दिन वह दुर्घटना नहीं हुई होती तो आज में भी इन सबके साथ खेलता, इस तरह इस व्हीलचेयर पर नहीं बैठा होता।

दोनों ही चुप रहे। नीलेश यह सोच रहा था कि पहले विशाल बात करे और विशाल यह सोच रहा था कि पहले नीलेश बोले। फिर इतने में ही विशाल के पिता आए और कहने लगे "क्यों विशल,तुमने नीलेश से बैठने और अपने साथ खेलने के लिए नहीं कहा?"

 विशाल गुस्से में कहने लगा।"कुछ देर खड़ा रहने से इसके पैरो में दर्द नहीं होने लगेगा।यह खिलौने खुद ही ले सकता है,इसके लिए ही तो यह यहां आया है, है ना?"अपनी batting छोड़ कर।

विशाल के पिता- "बेटा नीलेश तुम इसकी बातो का बुरा मत मानो।आज तुमने देर कर दी ना आने में इसलिए विशाल नाराज़ है।

नहीं,मै नाराज़ नहीं हूं वह चीख पड़ा।और अपने हाथ में लिया हुआ खिलौना उसने फैक दिया,और कहने लगा "मैं अपने आप में बहुत खुश हूं।मुझे किसी की मदद नहीं चाहिए."

नीलेश उसे गैर से देखने लगा और उसने देखा कि विशाल का हाथ कांप रहा है,फिर उसने खुद को विशाल की जगह रख कर सोचा की आगर में इसके जगह होता तो सयाद मैं तो खुद को संभाल भी नहीं पता,उस दुर्घटना के बाद अब व्हीलचेयर पर ही बैठे रहना विशाल खुद को लाचार महसूस करता होग!

फिर मुस्कुराते हुए नीलेश कहने लगा, मै वादा करता है कि अब आगे से मै समय पर तुम्हारे पास आ जाऊंगा,वैसे मुझे नहीं लगता कि तुम्हे मेरी याद आई होगी(मस्ती में कह रहा था)
"बिलकुल नहीं, विशाल बड़बड़ाया"।
"नीलेश जानता था कि वह झूठ बोल रहा है"।

और अब दोनों ही बहुत अच्छे दोस्त बन चुके थे। नीलेश समय पर आ जाता और दोनों मिल कर साथ खेलते थे। समय अच्छा ही चल रहा था कि फिर कुछ दिन बाद उनके जीवन में एक और घटना घटी।

विशाल का एक ऑप्रेशन opresion होने वाला था।इस ऑप्रेशन के बाद विशाल खुद से चलने लायक हो जाता उसे किसी wheelchair के सहारे नहीं रहना पड़ता,दुर्घटना के बाद वह कई महीनों तक अस्पताल hospital में रह चुका था।इस बार वह वहां नहीं जाना चाहता था, उसे ऑप्रेशन से डर लग रहा था।

नीलेश ने विशाल का हौसला बढ़ाने के लिए उससे कहने लगा।"हो सकता है जल्दी ही हम साथ में cricket खेले"।
पागल मत बनो।मै चल भले लू, पर दौड़ नहीं पाऊंगा।
अगर तुम चल लोगे तो batting तो कर सकते हो। मैं तुम्हारा रनर runer बन जाया करूंगा।

और हा! मैं वादा करता हूं कि तुम्हे देखने मैं रोज अस्पताल आया करूंगा। बस तुम हिम्मत रखो और खुद पर भरोसा रखो। दोनों ही रोने लगे और विशाल को hospital भेज दिया गया। नीलेश घर से रोज उसके लिए भगवान से प्रार्थना किया करता था।

उसे देखने अस्पताल भी जाता रहा ताकि विशाल को हिम्मत मिले और वह जल्दी चलने लगे।उप्पर वाले की दुआ से विशाल का ऑप्रेशन सही रहा ओर वह जल्दी ही घर जा सकता था। यह सुन कर दोनों की खुशी का कोई अंदाजा नहीं था, विशाल के पिता भी बहुत खुश थे की अब वह अपने बच्चे को पहले को तरह चलते और खेलते देख सकते है 

तो देखा आप ने दोस्तो अगर हम खुद पर यकीन रखते हो हम कुछ भी कर सकते है, नीलेश ने विशाल को बहुत ही हिम्मत दी थी। इस कहानी को आप तक लाने का मेरा एक ही मक़सद था कि हम कभी भी खुद को किसी से कमजोर ना समझे।

कैसी लगी यह motivational Story in Hindi एक साथ बड़ा कदम comment में जरूर लिखना और मुझे आप सबके suppot कि जरुरत है तो plzzz story को अपने social sites पर शेयर करिए इससे उन लोगो की मदद होगी जो खुद को कमजोर समझे है।                          Thanx.........


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Monday, 10 August 2020

Cute love story in Hindi (गाव का एक लड़का)

Cute love story in Hindi (गांव का एक लड़का)

समीर गुस्से वाला था, और अनम ज़िद्दी लड़की वैसे भी जब तक प्यार में गुस्सा और जिद्द ना हो तो एक cute love story कैसे बनेगी।

समीर, जों एक गोरखपुर गांव में रहता है, अपनी अम्मि का सबसे प्यारा बेटा,और दोस्तो की जान है वो,बाते तो ऐसी करता है कि सामने वाला उसकी बातो में ही आजाए।प्यार से अंजान था वो एक दिन उसकी ज़िन्दगी में एक प्यारी सी लड़की आई और फिर शुरू हुई  cute love story.

एक दिन समीर अपने किसी दोस्त के साथ अपने घर के पास वाले गांव में किसी काम से गया था, जहां उसकी नजर एक लड़की पर पड़ी, वैसे तो वो लकड़ियों से बात नहीं करता और ना ही किसी को देखता था, लेकिन इस लकड़ी में ना जाने वो क्या बात थीं कि उसको देखते ही समीर कि नज़रे खुद को रोक नहीं पाई।
 
बस वह उसको देखते ही रहा, फिर अपने दोस्त से कहने लगा "भाई yrrr कौन है ये ? पहले तो कभी नहीं देखा मैंने इसे यहां।
दोस्त -भाई ये घर में ही रहती है अच्छी लकड़ी है। लेकिन तू क्यो पूछ रहा है, तू तो किसी लडकी से बात ही नहीं करता फिर आज क्या हुआ?......
समीर -अरे!नहीं बस ऐसे ही पूछ लिया yrrr...

फिर समीर और उसका दोस्त दोनों ही अपने घर आ जाते है, लेकिन समीर को पहली नजर में ही इश्क हो चला था...उस दिन के बाद से वह बस उस लड़की को देखने के लिए घर के पास वाले गांव में रोज जाता, लेकिन वह लड़की नहीं दिखती तो बेचारा ऐसे ही उदश घर आ जाता था।

कहते है ना दोस्तो...........
प्यार अगर सच्चा हो तो एक सीधा -साधा लड़का भी कुछ भी कर सकता है, समीर ने भी उस लड़की के बारे में सब कुछ पता किया। सायद उप्पर वाला भी समीर के प्यार में उसका साथ दे रहा था। क्योंकि वह लकड़ी उसके रिश्तेदार वालो में ही से किसी की लकड़ी थी। अब समीर किसी न किसी बहाने से उसके घर जाने लगा था,और बस एक ही कोशिश करता कि किसी तरह "मेरी बात इससे हो जाए"।

आज फिर वह उसके घर गया,"आओ बेटा बैठ चाय पीले
 लकड़ी के पिता ने कहा। (अनम) बेटी कहा हो चाय वाय पिलाओ समीर को, लड़की ने कहा "जी अब्बा अभी आई...
समीर सोचने लगा। जितनी प्यारी खुद है इतना प्यारा इसका नाम भी है।

कुछ समय बाद.....
अनम चाय लेके आई और रख दी, जाने ही लगी कि समीर ने आवाज लगाया।
"कुछ पूछना था आप से मुझे ?
हा बोलिए, 
क्या? आप फोन नहीं use करती 
करती हूं। लेकिन आप को क्या काम है 
वो मेरा फोन नहीं मिल रहा है, एक बार आप अपने फोन से call करिए।
Okk.... देखो वही रखा हुआ है 
जी thanks.....
    यह सब एक बहाना था बस अनम का number पाने के लिए। तो अब समीर घर पहुंचा और बहुत खुश था आज आखिर अब उसकी बात जो होगी उस लकड़ी (अनम) से।

कुछ time बाद समीर ने कॉल किया ... 
Hello! कोन ?
समीर बात कर रहा हूं में।
अच्छा। हा बोलिए कुछ काम था 
नहीं नहीं बस आप से बात करनी थी....
मुझसे क्या बात करनी है?
मैं जानना चाहता हूं आप के बारे में
क्यों?.....ऐसे ही बात आगे बढ़ती गई और अब दोनों में ही रोज बाते होने लगी। 

अब समीर को उसके दोस्त भी उसे आशिक कहने लगे थे "पागल जो हो गया है अनम के पीछे" रोज उसके घर जाना और सारा दिन उससे ही बात करना। दिन पे दिन दिनों का प्यार बढ़ते ही जा रहा था।

 फिर एक दिन...........
अनम की बड़ी बेहन ने उसे  समीर से बात करते देख लिया,और अनम को घर से दूर अपने मामा के घर भेज दी। ताकि दिनों में कोई बात ना हो पाए और दिनों ही एक दूसरे से ना मिल पाए। 
जहा बात सच्चे प्यार की आती है वहां अक्सर ऐसा होता है। हर कदम पर अपने प्यार की परीक्षा देनी पड़ती है।

दोनों ही एक दूसरे से बहुत प्यार करते है।इसलिए दूर जाने के बाद भी दोनों कभी अलग नहीं हुए और किसी ना किसी तरह बात कर ही लेते है। अनम के प्यार ने समीर को इतना बदल दिया था कि वो लड़का जो कभी किसी लडकी से बात तक नहीं करता था आज वह एक लकड़ी के लिए खुद को हर तरीके से एक अच्छा लड़का बना रहा है।
बस इतनी सी थी ये कहानी.........
   तो कैसे लगी ये cute love story in Hindi (गांव का एक लड़का) comment में जरुर बताए। और  स्टोरी अच्छी लगी तो अपने सभी दोस्ती और अपने social sites पर share जरूर करे।

अगर आप को इस ब्लॉग के बारे में कुछ और जानकारी चाहिए तो आप मेरी about us page को पढ सकते है।


 


Saturday, 8 August 2020

Emotional heart touching story in hindi

 Emotional heart touching story in Hindi


आज की story एक emotional heart touching story पर पूरी कहानी है।जिसे पढ कर सायद आप भी खुद emotional हो जाए। लेकिन आप लोगो को इस कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
 
     Emotional heart touching family story in Hindi  इस कहानी में उन मा -बाप के बारे में बताया गया है जो एक समय बाद अपने खुद के बच्चो से दूर एक वृद्ध आश्रम में रहते है। और उनके बच्चे अपनी लाइफ बड़े मजे से enjoy करते है,बिना ये सोचे समझे कि उनके माता -पिता कैसे होंगे वहा।
         तो यहां से शुरू होती है कहानी, (वृद्ध आश्रम) इस जगह पर सभी बुज़ुर्ग रहते है,जिनके बच्चे उनको घर से बेघर कर देते है।आखिर कर कैसे लेते है ये ऐसा? आप खुद सोचिए वो मा- बाप जो हमे खूद इतना बड़ा करते है और कुछ बच्चे बड़े होने के बाद उन्हें उनके ही घर से निकाल देते है सिर्फ खुद के मतलब के लिए।
  
   "आज फिर एक बेटे ने अपनी मां को अपने घर से दूर एक वृद्ध आश्रम में भेज दिया,सिर्फ यह बोल कर की "मां बस कुछ दिन फिर में आप को लेने आ जाऊंगा!  
     वृद्ध आश्रम 
 एक बुज़ुर्ग आदमी।" जी नमस्ते हमें यहां वर्मा के नाम से बुलाया जाता है,
                  फिर (अंजलि जी) वो मा जितका बेटा उनको अपने घर से निकाल दिया था। उन्होंने जवाब दिया (थोड़ी नम आवाज) में बोली।

      ऑ..... नमस्ते मेरा नाम अंजलि है, मै बस कुछ दिनों के लिए यहां आई हू वो क्या है ना,मेरा बेटा घर की shifting में लगा हुआ है।तो मेरी देख- भाल के लिए कोई नहीं था।

वर्मा जी -अच्छा ...... तो करता क्या है आप का बेटा?

अंजलि जी-(गर्व के साथ बोली) बहुत बड़ी company का menagere है मेरा बेटा। 
         
वह उसे call करने का सोचती है। जरा पूछ तो लू वह  घर पहुंचा या नहीं?)
Call ..... Tring.....Tring लग तो गया लेकिन बेटा phone उठाते ही बोला "हा मा meeting में हूं थोड़ी देर में call करता हूं।बेटा बस इतना पूछना था?तूने खाना खाया या नहीं...मा  कहां
 ना अभी busy हूं चलो रख रहा हूं में phone byyyy........

वर्मा जी- तो क्या कहा आप के लाडले बेटे ने?

अंजलि जी -(उदास होकर बोली) कहा थोड़ी देर में call करता हूं।

वर्मा जी -" हा ,हा.. और क्या कहेगा? सालो से हूं मै यहां सब कुछ देख और समझ लिया है मेरी आंखो ने। आप जितनी जल्दी इस जगह को  अपना समझने लगेंगी उतना ही अच्छा होगा आप के लिए भी।

अंजलि जी- (इस बार तो वह गुस्सा में जवाब देने लगी) कैसी बात कर रहे है आप मेरा बेटा वैसा नहीं है (फिर प्यार से बोली) वो तो बहुत प्यार करता है मुझसे और मै यहां कैसे रह सकती हूं अपने बेटे से दूर बिलकुल नहीं ......

वर्मा जी -"जो आप बोल  रही हों वो सच हो।वैसे यह जगह इतनी भी बुरी नहीं है, शांति है,सुकून है,समय पर खाना मिल जाता है(फिर थोड़ा उदास हो कर बोले) घर वालो के साथ नहीं है लेकिन दोस्त बहुत है यह।

अंजलि जी -(फिर एक बार गुस्से से) देखिए मुझे कहना तो नहीं चाहिए लेकिन कहना पड रहा है। जलते है आप मुझसे क्योकि मेरा बेटा तो आ जाएगा मुझे लेने और आप को तो कोई पूछता तक नहीं है। 

"वर्मा जी को अब इन बातो से कोई फर्क नहीं पड़ता,क्योकि उनके बच्चे उनको कई साल पहले ही खुद से दूर कर दिए थे सिर्फ कुछ property के लिए"।
                        (लेकिन उस मा को क्या पता था कि उसका बेटा उसे बस एक बहाने से घर से बेघर कर दिया था।और उसके पास तो अपनी मा से बात करने तक का समय नहीं था,जब भी उसकी मा उसको कॉल करती वह कुछ न कुछ बहाना बना लेता और call cut कर देता)

  लगभग एक महीना बीत चुका था।पर उसका बेटा नहीं आया फिर उसने कॉल किया अपने बेटे को,

 Tring.......Tring......Tring...hello बेटा
हा मा में office में हूं बाद में करता हूं कॉल , 

अंजली जी- (आंखो मे आशु थे) बेटा तू भूल जाता है एक महीना हो गया है कब आएगा मुझे लेने ?....
 आता हूं ना मां कुछ काम है बस उनको पूरा करके आता हूं चलो byyyyyy call cut ho Gaya

वर्मा जी- "आप को मेरी बाते बुरी लगती है लेकिन मेरी बात मानिए यहां उम्मीद लगाने का कोई मतलब नहीं है जो हो रहा है उसे बरदास कीजिए,यही हमारा नसीब है।

अंजलि जी -"नसीब आप का खराब होगा।देख लीजिएगा मेरा बेटा मुझे लेने जरूर आएगा और फिर में आप को बताऊंगी आप की बोली सारी बाते गलत होगी। (नम आवाज में) मुझे तो बस इस बात का tension है मेरा बेटा मेरे बिना रह कैसे पारा होगा?

वर्मा जी - देखिए अंजलि जी। मै भी चाहता हूं कि आप का बेटा आप को लेने आए, लेकिन मैं जानता हूं इस वृद्ध आश्रम में जो एक बार आ जाता है यही का हो कर रह जाता है।
    (दोनों ही अपने अपने परिवार को याद कर के खामोश बैठे थे। और अपने दर्द को जाहिर नहीं होने दिए)

एक दिन अचानक से अंजलि जी बीमार हो गई और अपने बेटे से बात करने के लिए तड़प रही थी।लेकिन बेटे ने मा को घर लाने के डर से एक बार भी कॉल नहीं उठाया। आखिर में उस मा ने अपने बेटे की तस्वीर अपने दिल से लगा कर अपनी आखिरी सांसें तोड दी। 

वर्मा जी के लिए यह सब पहली बार नहीं था हर दो महीने बाद कोई ना कोई आता और उनके सामने अपनी आखिरी सांसें तोड देता।


बस इतनी सी थी ये कहानी,
         दोस्तो मै आप सब से बस इतना ही कहना चाहती हूं कि अपने माता पिता में अपनी बचपन की यादों को हमेशा याद रखे क्योंकि उन्होंने ही हमें इतना बड़ा किया है। और हम मतलब कुछ बच्चे जो उनके प्यार को नहीं समझ पाते और उन्हें खुद से दूर कर देते है। 

उम्मीद है आप सभी को ये कहानी emotional heart touching family story पसंद आई होगी।यकीन मानिए  मेहनत लगी है मुझे यह स्टोरी लिखने में, स्टोरी पसंद आई तो आप लोग भी  इसे share करे और comment में जरूर बताएं कैसी लगी स्टोरी इससे मुझे हौसला मिलता है 
 

Thursday, 6 August 2020

Real sad love story in hindi (अधूरी प्रेम कहानी)

Real sad love story in hindi (अधूरी प्रेम कहानी)


    दोस्तो  हर किसी को अपना प्यार नसिब नहीं होता है।कुछ लोगो की ही नसीब में उनका प्यार उन्हें मिलता है,बाकी के लोगो की लव स्टोरी अधूरी प्रेम कहानी बन कर रह जाती है।आज की स्टोरी भी real sad love story in Hindi में भी किसी का प्यार अधूरा रह गया है।

      Middel class family में रहने वाला एक लड़का।जिसका नाम अजय था,लेकिन उसके सपने काफी बडे बेड है।वह अपने परिवार में सबसे अलग सोच वाला लड़का था।उसे कुछ ऐसा करना था जो उसके घर परिवार में कोई न करता हो।

इसलिए उसने एक rap song लिखना शुरू किया, उसे रेप लिखने में मजा आता था।वह अपने पूरे passion से इसे लिखता और लोगो के बीच गाता रहा।लेकिन जिस soicty में अजय रहता था वह के लोगो को यह साथ समझ नहीं आता इसलिए वह लोग  उसके लिखे रेप पर कुछ भी बोल देते और उसका मजाक बनाते थे।

लेकिन उसे इन सब से कुछ फर्क है पड़ता था,वह अपने दिल की सुनता और मेहनत करते रहता था। एक दिन जब अजय  अपना phone use कर रहा था तो उसे Facebook पर एक प्यारी कि और बहुत ही सुन्दर सी लड़की का msg आया हुआ था।

उसे लगा sayad यह कोई fake id होगी।वरना मुझे कोई लड़की क्यो msg करेगी? मेरी तो सकल भी बंदर जैसी है।इतना सब सोच ही रहा था कि फिर से उसके phn पर msg आया और इस बार भी उस लडकी का ही msg था।...

     Hiiiiiii....how are you?kya hua baat nahi karna kya? don't warry yrrr me ek ladki hi hu.... मुझे आप से कुछ बात करनी है क्या आप reaply कर सकते हो।

अजय थोड़ा घबरा गया,और उसे यकीन नहीं हो रहा था कि किसी लड़की का msg उसको आरा है।फिर भी वह हिम्मात करके reaply किया, बात होने लगी

"हा बोलो आप मुझे कैसे जानती हो?

लड़की,"मैंने आप को एक बार कहीं रेप गाते हुए सुना था। जभी से मै आप से बात करना चाहती थी।बड़ी मेहनत के बाद तो आप के Facebook का  id  मुझे मिला है।

अजय,"अच्छा।इतना अच्छा लगा आप को मेरा (rap song) वैसे आप का शुभ नाम?......मुस्कुराते हुए पूछा

अरे! अभी तक आप को मेरा नाम नहीं पता चला लगता है आप ने मेरी profile नहीं देखी,चलिए जाने दो में ही बता देती हूं मेरा शुभ नाम"स्नेहा" है।अजय जी ,और कुछ पूछना चाहते हो आप?

अजय ,"आप की तरह ही आप का नाम है। नहीं नहीं बस आप का नाम ही काफी है।

ऐसे ही कई दिनों तक दोनों हर रोज बात करने लगे और फिर दिनों ने अपना नंबर एक -दूसरे को दिया,फिर एक दिन मिलने का plan बनाया।

  अजय - "क्या आप को याद है ?आज हम मिलने वाले है,आप आ रही हो ना?

स्नेहा - अरे।बाबा हा, हा ..... मुझे याद है। मैं तो कभी से इस दिन का wait कर रही थी।

  दोनों की पहली मुलाकात काफी अच्छी रही और फिर वह लोग मिलते रहे,दोस्ती से शुरू हुई बात अब प्यार तक आ गई।और धीरे धीरे दोनों एक दूसरे से बेपन्ह इश्क करने लगे।प्यार इस क़दर होने लगा कि अब दोनों हर वक़्त साथ रहते थे।

स्नेहा,"अपने प्यार के लिए हमेशा उपवास भी रखती थी ताकि दोनों साथ हो जाए। और अपने अजय के लिए wish करती थी।वह बहुत बड़ा rapper बने और उसका नाम हो।और सब उसके अजय को टीवी पर देखे।

फिर एक दिन स्नेहा ने अपने घर वालो से अजय के बारे में बताया ।उसके परिवार वालों ने पूछा?वह करता क्या है ? जवाब देते हुए स्नेहा ने कहा। वह एक rapper है वह rap song लिख कर उसे कई सारे stech पर सुनता है। Family - इससे क्या वह तुम्हे खुश रख पाएगा ? जी पापा जी । 

नहीं हम तुम्हारी शादी उससे नहीं करा सकते तुम्हे हमारे पसंद के लड़के के साथ शादी करना होगा। स्नेहा की मा उसको कसम दिला देती है।अब स्नेहा मजबूर हो गई थी वह चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थी 

कई दिनों तक स्नेहा ने अजय को कॉल नहीं किया तो अजय ने खुद से कॉल किया और कहने लगा क्या हुआ है?कहा गायब हो आप इतने दिनों से ना कोई call na msg .... ठीक हो आप।स्नेहा रोने लगती है और सब कुछ उसको बता देती है।

फिर दोनों ही बिना कुछ बोले बस घंटो तक call पर रोते रहे।और अपने सारी बीती यादे याद करते है, स्नेहा मजबूर होती है,बस रोते हुए last में  एक ही बात बोलतीं है।"भले मेरा जिज्म उसके पास रहेगा,लेकिन रूह हमेशा आप के पास रहेगा"।.......फिर वह call cut कर देती है। दोनों की यह लस्ट टाईम बात थी ।

इसके बाद .....कुछ दिनों तक अजय खुद को बस एक रूम में बंद करके रहता था ना वह किसी से बात करता था और ना ही अपने rap song लिखता था। सिर्फ स्नेहा के याद में रोया कर खुद को तकलीफ देता था।

लेकिन वह कुछ करना चाहता था इसलिए उसने फिर से एक नई  शुरूवात करी।फिर से उसने अपना रेप लिखना शुरू किया और वह इस बार अपने real life के स्टोरी पर रेप लिखता था।और उसे इस बार एक बड़े मंच पर उसका लिखा हुआ रेप गाने का मौका मिला।

अब अजय बहुत नाम कमा चुका था।और साथ ही पैसे भी।दोस्तो कहते है ना प्यार अगर सच्चा हो तो zindagi से हारा हुआ  इंसान भी बहुत कुछ कर लेता है अपनी लाइफ में और नाम भी कमा लेता है।यह कहानी कुछ हद तक सच है और कुछ मैंने खुद से सोच कर लिखे है।उम्मीद है आप सब यह समझ पाए।

"Log kehtey hai ki kisi ek ke jane se zindagi ruk nahi jati.....lekin lakho ke aa jane  se bhi uss ek ki kami kabhi puri nahi ho pati".......

तो कैसा लगा आप लोग को यह real sad love story in Hindi (अधूरी प्रेम कहानी) अगर आप की भी लाइफ मे ऐसा हुआ है तो आप comment कर के जरूर बताए इससे मुझे हौसला मिलता है  जिससे मैं और अच्छा लिख पाती हूं।मुझे आप लोगो का support चाहिए।





  


        

एक लडकी कि लव स्टोरी -heart touching love stories in Hindi


एक लकड़ी कि लव स्टोरी heart touching love stories in hindi

       हम सभी को अपनी life में  एक बार तो जरूर किसी न किसी से love होता है। इस कहानी में भी "एक लड़की की लव स्टोरी heart touching love stories in hindi में बताया गया है 

        प्रियंका एक ऐसी लड़की है जिसे प्यार पर थोड़ा भी यकीन नहीं था, लड़को से बात करना तो दूर,लड़को को देखना तक नहीं पसंद करती थी।

सिर्फ अपनी सेहलियो के साथ हीअपनी life enjoy किया करती थी,"लेकिन कहते है ना उम्र के साथ ,पसंद नापसंद,और अपनी आदतें सब कुछ बदल जाता है।

    बिलकुल ऐसा ही प्रियंका के साथ भी हुआ,उसे पता ही नहीं चला कि उसको उसके घर के पास वाला लड़का कब अच्छा लगने लगा,और वह उसको पसंद करने लगी।

वह लड़का भी प्रियंका को हमेशा रास्ते से आते जाते देखा करता था जैसे प्रियंका उसके पास से जाती तो वह एक ही गाना गाता था (tere naina bade katil mar hi dalenge........) प्रियंका की आखें बहुत सुंदर थी इसलिए वह यह गाना गाता था।

ऐसे ही कुछ दिन बीत गया, और फिर एक दिन वह लड़का(Shakib) प्रियंका को जाके अपने दिल की बात बोल देता है, और प्रियंका भी हा कर देती है,कहीं ना कहीं तो वह भी उसे प्यार करने लगी थी।

            फिर क्या अब यहां से शुरू हो गई दोनों की lovelife......(babu, shona,jaan ,baccha,.... जो हर relationship में सब बोलते है।)
दोनों बहुत खुश थे एक दूसरे के साथ,हमेशा साथ घूमना - फिरना अपनी लाइफ की हर एक बात एक दूसरे से शेयर किया करते थे।दोनों में काफी अच्छी understanding थी।

बिलकुल (रब ने बना दी जोड़ी )ऐसा प्यार था दिनों में।
  प्रियंका,- "हम कब तक ऐसे ही मिलते रहेंगे,और हम दोनों  की तो cast भी अलग है,क्या हमारे family वाले हमारी शादी करेंगे?.........
एक लडकी कि लव स्टोरी -heart touching love stories in Hindi

शाकिब,-"तुम इतना मत सोचो हमारा प्यार सच्चा है,और हम अपने family वालो को कैसे भी मना लेंगे बस तुम मेरा साथ मत छोड़ना।

दोनों ने इतना बोल कर  तो खुद को तस्लिय दे दिए।लेकिन दोनों को ही पता था कि घर वालो को मनाना इतना आसान नहीं होगा sayad वह लोग कभी माने ही नहीं तो?

फिर कुछ दिन बाद वही हुआ। प्रियंका के घर वालो को दिनों के बारे में सब कुछ पता चल चुका था।घर वालो ने प्रियंका की शादी कहीं और करने का फैसला लिया।ऐसा नहीं था कि प्रियंका ने उन्हे मानाने की कोशिश नहीं की,वह बोलती रही........शाकिब अच्छा लड़का है,हम बहुत प्यार करते है एक दूसरे से,वह मुझे बहुत खुश रखेंगे आप लोग उससे एक बार मिलिये,घर वालो ने प्रियंका को बहुत मारा और उसका घर से बाहर जाना बंद कर दिया।

बहुत दिन तक शाकिब ने प्रियंका के घर के पास वाले रास्ते पर wait किया जब वह प्रियंका को आते -जाते नहीं देखा तो उसने उसके घर जाने की हिम्मत की......घर गया और आवाज देने लगा।प्रियंका कहा है?क्या किया तुम सबने उसके साथ,प्रियंका कहा हो तुम बाहर आओ।

शाकिब की आवाज सुनते ही वह रूम से बाहर आई,लेकिन उसके घर वालों ने उसको फिर से रूम में बंद कर दिया और शाकिब को घर से बाहर निकाल दिया।

दिनों ही एक दूसरे को याद करके काफी रोया करते थे।एक दिन प्रियंका ने कोशिश करके घर से बाहर निकली और अपने शाकिब के पास गई,और उसे गले लगा कर बोलने लगी।हम भाग जाते है,नहीं तो मेरी शादी किसी और से करा देंगे मेरे घर वाले,यह सब सुन कर वह लड़का कुछ समझ नहीं पा रहा था

फिर उसने किसी तरह प्रियंका को समझाया और कहने लगा,तुम घर वालो की मर्जी से शादी करो वह लोग तुम्हारा अच्छा ही सोचते है वैसे भी हम अलग अलग cast के है।तुम मेरे घर वालो के हिसाब से नहीं रह पाओगी।इतना बोल कर वह लड़का वह से चला गया।

               प्रिंयका काफी समय तक अकेले ही वह रोती रही,उसके मन में बहुत से सवाल आने लगे ? 

शाबिक ने ऐसा क्यो कहा ?........
 उसे क्या हो गया है,वह तो मुझसे इतना प्यार करता था फिर आज ये सब बोल कर चला गया? प्रियंका का दिल टूट गया उसने सोचा कि जिसके लिए में लड़ रही थी अपने घर वालो से अब वही नहीं है मेरे साथ तो में शादी कर लेती हूं  

अपने घर जाकर बोली मुझे शादी करनी है।जल्दी से जल्दी,इतना सुन कर घर वाले भी हैरान हो गए और उसके शादी कि तैयारी करने लगे।

प्रियंका ने शादी तो करली लिकन अभी भी वह शाकिब से ही प्यार करती थी,वह उसको भुला नहीं पाई।  शादी के कुछ दिन बाद ही प्रियंका ने आत्म्हत्या कर लिया और एक लेटर लिख कर गई थी। 

शाकिब मैंने  तुमसे ही प्यार किया था,मैनें सिर्फ तुम्हारे बोलने  पर किसी और  से शादी की थी।लेकिन तुम्हारी याद आती है जिससे में खुद को नहीं संभाल पाती इसलिए में आज सबसे दूर जा रही हूं।

प्रियंका के घर लोगो को बहुत अफशोश हो रहा था, अब जाके वह सोच रहे थे कि हमें अपने बच्चे की पसंद को समझना चाहिए था। हमारे जबरदस्ती के की गई शादी के वजे से आज हमारी बच्ची हमारे साथ नहीं है।

केहते है naaaaaa दोस्तो जब प्यार सच्चा हो तो घर वाले नहीं मानते और घर वाले राजी हो तो सच्चा प्यार ही नहीं मिलता। जिन लोगो ने सच्चा प्यार किया होगा वह ही ये स्टोरी से खुद को जोड़ सकते है।


 उम्मीद करती हूं,आप लोग को यह कहानी एक लकड़ी की लव स्टोरी heart touching love stories in hindi पसंद आई होगी।पसंद आई तो plzzzzz commente में  जरूर बताना और इस पोस्ट  को ज्यादा से ज्यादा share करिए।मुझे आप लोगो की support की जरूरत है।

Saturday, 1 August 2020

Story in Hindi मिट्टी

             मिट्टी(soil) story in Hindi

जय को  खुदाई करना बहुत पसंद है।वह सुबह और शाम ,दोनों समय मिट्टी में खेलता है"।कभी -कभी तो रात में भी शुरू हो जाता था। बचपन में हम सब ऐसे ही होते थे"जय कि मा उसे कभी भी दुपहर में घर से बाहर नहीं जाने देती थी, क्योंकि जय अभी छोटा था।और धूप बहुत ज्यादा होती है दुपहर के समय,मा को डर था कभी जय बीमार हो गया तो। मा आखिर मा होती है यार..........


        पुरानी पेंसिल या कुछ भी नुकीला जय के हाथो में आ जाता तो वह खुदाई करना शुरू कर देता है।उसे मिट्टी की गंध बहुत अच्छी लगती है, खासकर गीली और भुरभुरी मिट्टी की।वह जब भी खुदाई करता तक अपने मन में हमेशा सोचता की जरूर इस मिट्टी के नीचे एक अलग और पुरानी दुनिया रहती होगी

  story in Hindi मिट्टी

मिट्टी में जादू है तभी तो वह बीज को पौधे में बदल देती है। अक्सर जय ऐसा ही सोचता था,और कई सारे बीज लगा कर उसे बड़े होने  तक रोज देखा करता।जय के लिए तो भूमिगत विश्व (धरनी के नीचे की दुनिया) इस दुनिया से अलग और रहस्यमय स्थान है। इसलिए वह हमेशा खुदाई करते रहता है।(बचपन में हम सभी ऐसे ही पागल पन किया करते थे)

एक दिन जब जय खुदाई कर रहा था तो उसकी पेंसिल ही बाहर नहीं निकल पा रही थी।उसने अपनी उंगली से मिट्टी खोदने शुरू कर दिया।एकदम से उसे कुछ बाल दिखाई  दिए।जय ने उन्हें खींचा तभी उसे एक चीख(जोर दार आवाज)सुनाई पड़ी,"ऐसा मत करो दर्द होता है!"

उत्साहित होकर जय ने मिट्टी के नीचे देखा ।उस गड्‌ढे में एक छोटा सा बालक था।जो उसके हाथ के बराबर था,यह देखकर जय और भी आशचर्य हुआ कि यह छोटा बच्चा ठीक मेरे जैसा ही दिखाई दे रहा है?वही घुंगराले बाल, आंखे और चमकते दांत।

"तुम कोन हो?तुम मेरी तरह क्यो हो? यहां मिट्टी के नीचे क्या कर रहे हो?जय ने उस छोटे जय से पूछा।

       "मैं तुम्हे अपनी कहानी सुनाता हूं,"छोटा जय बोला।"याद है,तुमने बगीचे में अपनी साइकिल की चाबी खो दी थी?

            "हां ,हां,मुझे याद है।मैनें बहुत ढूंढा था पर वह नहीं मिल पाई थी!बताओ क्या तुम्हारे पास मेरी चाबी है?

"नहीं छोटे जय ने बोला।"मेरे पास तुम्हारी चाबी नहीं है, मैं ही तुम्हारी चाबी हूं!"

 " तुम? मेरी चाबी!मुझे बेवकूफ बना रहे हो।तुम एक लड़के हो,बाल , आंखे,कान वाले।मेरी चाबी तो चांदी कि थी।

     "अरे! Haaaaaaaa मै भूल गया था।तुम तो मिट्टी के नीचे की दुनिया के मेरे में कुछ नहीं जानते छोटे जय ने जवाब दिया।
तुम क्या बात कर रहे हो?जय ने छोटे जय कि कहानी में और ज्यादा दिलचस्पी लेते हुए पूछा।

"पुरानी बस्ती वह जगह है जहां सभी लापता चीजे रहती है वे गुमी हुई चीजों के रूप में नहीं बल्कि उन्हें गुमाने वाले व्यक्तियों के रूप। में रहती है।इसलिए तुम्हारी चाबी तुम जैसी बन गई,जो मैं हूं।मेरा नाम छोटा जय है। तुम्हारी मां की कान कि बाली भी वहां है।वह बहुत सुंदर लड़की है,उसका नाम प्रिया बाली है।और तुम्हारे दोस्त का खिलौना इंजन भी हमारे साथ है।वह बलराम गाड़ी कहलाता है।

             ( सोचने में कितना अजीब लग रहा है ये सब ना..........लेकिन बचपन ऐसा हुआ करता था।)

यह सब सुनने में जय ने ध्यान ही नहीं दिया की, छोटा जय गड्‌ढे से बाहर आ रहा है और अपनी मिट्टी साफ कर रहा है।
                  
                        "तुम कहा जा रहे हो? जय ने छोटे जय से पूछा।
"मै कहीं जा नहीं रहा हूं! मै तुम्हारे साथ आ रहा हूं,"छोटा जय बोला।
         " मेरे साथ आ रहे हो तुम?जय उत्साहित हो गया।तुम मेरे साथ जाओगे तो तुम्हारे। दोस्त तुम्हें याद नहीं करेगें?
 "छोटे जय ने बताया।"हम लोग एक नियम बनाए हैं, हम लोग अगर अपने मालिक को पा लेते हैं तो उसके साथ एक दिन बीतते हैं।मुझे सूर्य छिपने पर ही जाना होगा।

एक साथ हम दोनों को कितना मजा आएगा!तुम्हे मालूम हैं, मै तुम्हे कितना याद करता हूं?तुम्हारी जेब में रहकर मैं कई जगह गुमा करता था।मुझे सबसे अच्छा तब लगता था जब तुम चाबी की जंजीर को उंगली में फसा लेते थे और मैं खुली हवा में घूमता था!"

(चाबी)छोटे जय कि बाते सुनने के लिए जय झुका हुआ था।छोटा जय फट से जय के कपडे पर चड़ गया और कंधे पर बैठ गया। तब वह बोला,"तुम मुझे अपनी साइकिल दिखाओ। मैं इस पर सवारी करना चाहता हूं!"
 
जय उसे अपने साथ साइकिल पर बगीचे का चक्कर लगाने  गया।
तभी जय के मन में एक बात आई,"मैं इस छोटे जय के साथ अपने सभी दोस्तो को बेवकूफ बना कर मजे (मस्ती)कर सकता हूं।

            जय ने अपने सभी दोस्तो को बुलाया और सभी को कहने लगा।चलो आज में तुम लोगो को कुछ जादू दिखात हूं,"जादू और वो भी तुम ?वे कैसे जय।सभी से साथ में पूछा?"अरे।तुम सब आओ तो,बस तुम सब उस पर्दे के बाहर ही रहना और सब जादू देखना।
वा
               जब में कुछ हानिकारक (बेकार सा) खाना खाऊंगा तो मैं छोटा हो जाऊंगा और जब कुछ पोस्टिक (अच्छा) खाना खाऊंगा तो फिर से बड़ा हो जाऊंगा।

     पर्दे के पीछे से उसने कहा,"अब मै चॉकलेट खाने जा रहा हूं।और फिर कुछ समय बाद छोटे जय को उनके सामने भेज देता है,सब देख कर हैरान हो जाते है?.........याल्ला ये कैसे हुआ?तुम तो सच में जादूगर हो जय। अब तुम बड़े कैसे होगे?.....हा ,हा जादू से.....छोटा जय फिर से पर्दे के पीछे जाता है और ,इस बाद कहता है मैं अब केला खाने जा रहा है,जिससे में बड़ा हो जाऊंगा ।फिर वह खुद सबके सामने जाता है 

किसी को यकीन नहीं हो रहा था?सभी ये जादू देखने के बाद ऐसा सोचने लगते थे कि अगर वह हानिकारकर चीजे जाएंगे तो छोटे हो जाएंगे,इस वजह से अब सभी पोस्तिक चीजे खाने लगते है 

     जय और छोटे जय को एकदम से महसूस हुआ कि सूर्य जल्दी ही डूबने वाला है।वे बगीचे में गए और छोटा जय जहा से आया था वहीं गए।छोटा जय(चाबी) जाने लगा तो जय का अंगूठा पकड़कर कहने लगा,"तुम बहुत अच्छे दोस्त हो जय। अपनी चीजों का ध्यान रखा करो।हमारी बस्ती में बहुत भीड़ होती जा रही है।

यह कहानी एक काल्पनिक कहानी है story in Hindi मिट्टी
      बचपन के दिन ,और बचपने में किया गया काम सभी के लिए एक सीख दे जाता है इस कहानी में भी जय ने गलती में कि गई मस्ती में भी सभी को  postic चीजे खाने के लिए उत्साहित कर दिया।
मिट्टी से तो बच्चो का पुराना नाता है।बच्चो को मिट्टी से दूर करना किसी को नहीं आता है।.........आखिर वह हमारी देश की धरती है............