Friday, 21 August 2020

Kahani in Hindi || हिंदी कहानी || short story in Hindi

 Kahani in hindi हिंदी कहानी short story in Hindi। 
 
हम सभी ने सच्ची दोस्ती, मां,और प्यार पर बहुत से कहानी पड़े और सुने है। लेकिन आज में आप सभी से इस kahani in hindi हिंदी कहानी short story in Hindi में 
पिता और बेटी का रिश्ता कैसा होना चाहिए यह हम इस short story में जानेंगे।

सायद आप सब भी इस हिंदी कहानी को पड़ते टाइम थोड़ा उदास हो जाओगे क्योंकि मैं खुद यह कहानी लिखते वक़्त रोने लगी थी।तो चलिए शुरू करते है kahani in hindi हिंदी कहानी short story in Hindi

रानी जो सिर्फ नाम से ही नहीं सच में अपने घर की रानी थी। सभी घर में उससे बहुत प्यार करते हैं, आखिर क्यों ना करते वह है भी तो इतनी चंचल और मस्ती खोर, माता - पिता और वह एक अकेली लड़की बस इतना छोटा सा परिवार था लेकीन प्यार बहुत है सभी में।

रानी के पिता उससे बहुत ही प्यार करते थे और एक दोस्त की तरह रहते थे,उसके साथ खेलना,उसकी पढ़ाई में उसका साथ देना और उसकी सभी जरूरत पूरी करना, जों हर पिता अपनी बेटी के लिए करता है

इस बार रानी १४ साल की होने वाली थी और उसका जन्मदिन बनाने के लिए रानी और उसके माता - पिता सभी रानी के दादी के घर गए थे।बड़ी ही धूम धाम से जन्मदिन बनाया गया। दूसरे दिन रानी और उसके माता पिता अपने घर आ गए।


कुछ दिन बाद रानी का पेट अचानक से दूखने लगा,रानी ने सोच मैं सो जाती हूं कुछ समय में ये खुद सही हो जाएगा और वह सो गई, सुबह जब उसकी आंख खुली तो उसके कपडे और पूरा बिस्तर लाल हुए पड़ा था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था,यह सब क्या है और ऐसा क्यों हुआ?......

उसने जोर - जोर से अपने पिता को आवाज लगाई, लेकिन उसी समय उसकी मां आ गई उसके कमरे में उसने मा से पूछा "क्या है ये सब मा कल मेरा पेट दुःख रहा था और आज ये सब हो गया मा" पापा को बुलाओ मुझे पापा की जरूरत है मैं ये दर्द नहीं ब्रदाश कर सकती।



मां - अरे! बच्चा कुछ नहीं हुआ आप को आप अब बड़ी हो चुकी हो और यह बात आप अपने पिता से मत कहना।

रानी - क्यों? मां क्या हुए है मुझ।

मां - कुछ नहीं यह सब हर लड़की और हर महिला को होता है आप मुझसे वादा करो कि आप यह बात अपने पिता से नहीं बोलोगी यह बात बस हमारे बीच रहेगी।

रानी - ठीक है मां जैसा आप बोल रही हो मैं वैसा ही करूंगी, यह  बात बस हमारे बीच में ही रहेगी।

मां - अब जाओ नहा लो और अपने कपड़े बदल लो और मैं तुम्हे एक pad  दे रही हूं नाहने के बाद इसे use कर लेना।

      फिर मां वहां से चली गई। "रानी ना जाने क्यों खुद को बहुत ही कमजोर महसूस कर रही थी,और वह सोच रही थी आज तक मेरे और पापा के बीच कोई बात नहीं चूपी तो मां ने मुझे ये बात पापा से बताने मना क्यों किया?

 यह तो सभी को आता है सभी को पता है फिर इसे चुपाया क्यों जाता है।अब मैंने मां से वादा कर दिया तो में चाह कर भी पापा से कुछ नहीं बता सकती।मुझे कैसे भी करके यह बात खुद तक रखनी होगी।

उसके बाद से हर महीने जब भी रानी का पेट दिखता तो मां उसे pad लाकर दे देती और रानी को आराम करने को कहती, कई बार उसके पिता ने पूछा भी की कर महीने रानी का पेट दुखने लगा है क्या हुए है उसे वह ठीक है ना?

हा , हा ....आप फिक्र मत करो आप की बेटी बिलकुल ठीक है वह बस कल कुछ ज्यादा ही बाहर का खाली थी इसलिए उसका पेट दुःख रहा है लेकिन मैंने उसे दवा  दे दिया कुछ समय में आराम हो जाएगा।

कई महीने ऐसे ही चलता रहा और रानी के पिता भी ज्यादा कुछ नहीं पूछते थे। फिर एक दिन सभी ने घूमने का प्लान बनाया और दादी के घर चले गए वहीं से सभी जाने वाले थे,
दादी के घर जाते ही सब अच्छे से ready होके घूमने चले जाते है।

दिन भर घूमने के बाद रात में सभी बहुत थक चुके थे सब घर आते ही सोए गए, अब फिर से रानी का पेट दुखने लगा।"अरे! मैं तो भूल गई मेरा date आने वाला था, मैं तो pad भी नहीं लाई और मां भी सो गई अब मैं क्या करू किसको बोलूं।

कितना अच्छा होता कि यह बात पापा को पता होती तो इस समय मैं ऐसे परेशान नहीं होती बल्कि अभी तो पापा खुद मुझे pad लाके देते और हम साथ में बैठ कर कितनी सारी चॉक्लट खाते पता नहीं ऐसा कभी होगा भी या नहीं।और फिर वह अपने कपडे में से कई सारे पैंट निकली और उसे पहन कर सो गई।

उसे लगा कि ऐसा करने पर सुबह तक किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। लेकिन सुबह सबसे पहले उसके रूम में उसके पिता ही आ गए थे रानी को ऐसे सोते देख उन्होंने उसे उठाना सही नहीं समझा और वह रानी के पैंट में लगे दाग देख कर वहा से चले गए।



कुछ समय बाद उन्होने रानी के रूम में pad लाके रख दिया और साथ में ही कुछ चॉक्लेट भी और एक लेटर भी था। रानी जब सो कर उठी तो उसने देखा कि पैंट में दाग लग गया और पता नहीं कोन -कोन आया होगा मेरे रूम में फिर जब उसकी नजर pad पर पड़ी तो उसे लगा मां ने रखा होगा।

लेकिन चॉक्लेट और लेटर देख कर वह समझ गई कि यह बात पापा को पता चल चुकी है और उसने मां से किया वादा तोड दिया,पता नहीं अब मां क्या बोलेंगी मुझे मैंने ये सब जानबूझ कर नही किया।

उसने  फिर अपने पिता के रखे हुए लेटर को खोला और पड़ना शुरू किया " बेटा मुझे बहुत खुशी हुई यह जान की अब मेरी लड़की बड़ी हो गई और वह अब इतनी समझदार भी हो गई कि उसने यह बात मुझ तक नहीं आने दिया और इतने महीनों से अपना दर्द खुद तक छुपा कर रखती रही, लेकिन अब मैं आप के साथ हूं।

रानी अब बहुत खुश थी कि उसे अब अपने पिता से झूट नहीं बोलना होगा हर महीने और अब वह खुद अपने पिता के साथ shopping करते समय pad ला सकती है।

Kahani in hindi हिंदी कहानी short story in Hindi कैसी लगी कमेन्ट में जरूर बताएं।

क्यों हम लड़कियों को अपना ये दर्द सभी से छुपाने को कहा जाता है ये तो उप्पर वाले ने ही किया है तो इसमें हम क्या कर सकते है मेरा यह कहानी लिखने का एक ही मकसद है कि जैसे रानी के पिता उसकी हिम्मत बने और उसको समझे वैसे सभी पिता यह बात समझ सके।

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