"maza aata hai kisi ko satane me,
Ek dosto se hi to khushi hai,
Warna rakha kya hai is zindagi,
Or zamane me..........
सच्ची दोस्ती एक ऐसा रिश्ता हैं।जिसमें हम एक साथ कई सारे रिश्ते फील कर सकते है,एक सच्ची और अच्छी दोस्त हमारी हर मुश्किल के समय में हमें "पापा की तरह गाइड करते है,तो दिल टूटने पर मा को तरह हमें संभालती है,और भाई की तरह परेशान करने वाले लोगों,से बचाते है,तो वहीं बहन कि तरह हर समय हमारे साथ होती है।और कभी कभी तो हमारी (टीचर बन जाती है)हमें करियर की तरफ फोकस करने में हमेशा मदद करती है।
जब भी सच्ची दोस्ती की बात कोई करता है तो सभी लड़कों के दोस्ती की मिसाल देने लगते है।लेकिन आज इस कहानी में एक लकड़ी कि सच्ची दोस्ती का जिक्र किया गया है।जिसका नाम अंकिता था।
"कुछ साल पहले की बात है,जब मैं स्कूल में थी। और मुझे पढ़ना बिलकुल भी नहीं पसंद था "वे तो आज भी नहीं है।" और मेरे घर वालो ने मेरा एडमिशन एक P.S classes में करा दिए,जिससे कि मैंअपने पढ़ाई में मन लगा सकु पर इसका कोई फायदा..........
नहीं था।पढ़ाई का तो पता नहीं पर मेरे दोस्त बहुत बन गए थे वह,लेकिन इन सब में एक मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन गई थी।मानो जैसे हम एक दूसरे को बचपन से जानते हो।उसका नाम अंकिता था,और क्लास के सर भी हमारे दोस्ती की तारीफ किया करते थे, पढ़ने में अंकिता हमेशा मेरी मदद करती थी। और में फिर भी अपना ज्यादा समय ऐसे ही खराब कर देती मस्ती करने में।
जब भी बात आती कि क्लास में मस्ती कोन करता है सबसे पहले मेरा नाम आता,और वही अंकिता बहुत अच्छी थी पढ़ाई में जिसकी वजह से में हर बार मार खाने से बच जाती।ऐसे ही मस्ती मजाक में साल कब खतम हुआ कुछ पता ही नहीं चला,
और इस एक साल की दोस्ती में जानें -अनजाने हमारा झगड़ा हो गया और हम बात नहीं कर रहे थे।यह सब देख हमारे क्लास से सर (जिनका नाम मनीष था) वह भी सोच में थे कि आखिर ये दोनों बात क्यो नही कर रहीं हैं?फिर उन्होंने (अनिल सर)से बात की जिनसे पूरी क्लास डरतीथी,कुछ बच्चो को छोड़ के जिसमें हम भी आते थे।
दोनों सर ने सभी से पूछा,किसी को कुछ पता है? हुआ क्या है इन दोनों में? सबने ना में जवाब दिया"फिर क्या था"सर खुद आए और पूछे क्या हुआ है कुछ बताओ? हम दोनों अपनी अपनी बुक में देख रहे थे ,मानो जैसे हमने कुछ सुना ही नहीं। बात सिर्फ इतनी थी ,कि हम किसी तीसरी लड़की की वजह से बात नहीं कर रहे थे, फिर सर ने हम दोनों को समझाया।और कहा कि सच्ची दोस्ती में अक्सर कोई तीसरा हमेशा आता है।समझ तुम दोनों में होनी चाहिए की उसकी बात सुनना है या इग्नोर करना है।आगे से इस बात का ध्यान रखना,और अपनी दोस्ती में कभी दरार मत आने देना। फिर हमारी बात होने लगी और हम अब किसी के बातो में नहीं आते थे।
ऐसे ही वक़्त गुजरता गया और हमारी दोस्ती अच्छी काफी अच्छी हो गई ,इतनी अच्छी कि अब हम दोनों एक दूसरे के परिवार में( एक family members) कि तरह रहने लगे,कहीं भी जाना होता तो ज्यादा तर साथ जाते ,हर काम साथ में करते ,इस corona के टाइम में भी हम एक ही साथ एक ही थाली में खाना खाते थे।
अंकिता एक सोसल वर्कर थी,और वह हमेशा अपने और दूसरे के अधिकार के लिए लड़ना जानती थी हर वक़्त बच्चों के अधिकार और उसके पढ़ाई को लेके हमेशा कही न कहीं बिजी ही रहती थी।लेकिन फिर भी वह हमारी दोस्ती के लिए टाइम निकाल ही लिया करती!
और उसकि एक बहुत बुरी आदत है,आप लोग सोचिए क्या हो सकता है ? सिम्पल सा है yrrr वो pgl चाय बहुत पिती है,उसे चाय की इतनी तलप है कि जब भी वह थकी या परेशान या फिर उसको कुछ काम करने के लिए पॉवर कि जरुरत हो तो बस चाय पिला दो उसका सारा काम हो जता है, जैसे किसी दवा का असर हुए हो उसपर।
उसके साथ रहने में मुझे बहुत अच्छा फील होता था।और हम नुक्कड़ की चाय भी पिया करते थे,हम वही करते थे जिससे हमें खुशी मिले और लोगो का तो हम सोचते ही नहीं की वह क्या सोचते होंगे। उसके साथ रह कर बहुत कुछ नया सीखने मिलता है, सब कुछ अच्छा चल रहा था।
हम बड़े हो चुके है,इस बात का एहसास हमें घर वाले हमारी शादी की बात करके फील करा देते है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ, हूं तो एक लड़की ही कर भी क्या सकती थी ज्यादा कुछ नहीं बोल सकती थी घर वालो को।इसलिए मैने अंकिता से बात की और सारी बात बताई उसको,अंकिता ही एक ऐसी लकड़ी थी जो मुझे ,मुझसे भी ज्यादा समझती थी, और मेरे हम शुख दुःख में मेरे साथ रहती थी।एक अच्छी और सच्ची दोस्त की तरह।
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उसको यह सब सुन के बहुत गुस्सा आया ,और वह मुझे बोली चल हम बात करते है पापा से वह जरूर समझ पाएंगे हमें मैनें कहा नहीं यार,इतनी हिम्मत नहीं है मुझमें।"अरे तू चल ना में बात करती हूं बस तू साथ में रहना।किसी तरह मैंने हिम्मत की और हम गए पापा के पास।
और अंकिता ने सवाल करना शुरू कर दिया?आखिर क्यो इतनी छोटी उम्र(१९) मे इसकी शादी करनी है,लड़की है तो क्या हुआ?इतनी जल्दी किस बात की है?एक ही लड़की है,कुछ करना चाहती है,आप लोगो के लिए,खुद के लिए,अभी तक तो यह खुद के पैरो पर भी नहीं खड़ी है।ऐसे में कैसे एक घर चला पाएगी ये ?और आप लोग इसकी शादी की बात कर रहे है।
"इतना सब सुनने के बाद पापा कहने लगे क्या करेगी जॉब करके पैसे कमा के शादी तो एक दिन करना ही है और फिर जैसे वो लोग इसको रखेंगे वैसा ही इसको रहना होगा।तो अभी ही शादी करा देते है। शादी के बाद रानी बन के रहेगी!
ऐसी बाते सुन के हम दोनों ही कुछ समय के लिए इमोशनल ही गए।
फिर भी अंकिता ने हिम्मत नहीं तोड़ी और कहने लगी । आप लोग इसकी खुशी का सोच कर इसकी शादी करना चाहते हो लेकिन क्या वो खुश है?और आप किस भरोसे से केह रहे है कि यह शादी के बाद रानी बन के रहेगी।(परिवार में सभी एक जगह और हम दोनों एक जगह)
जैसे तैसे तो समझा दिए घर वालो को।और उसने मुझे साथ बैठकर खाना खिलाया फिर अपने घर चली गई।जाते जाते बोल कर गई (ख्याल रख अपना सब सही हो जाएगा ,तेरे ही पापा है तेरा अच्छा ही सोचते है।)
ऐसा नहीं था कि मेरे घर वाले मेरा बुरा सोच रहे थे ,लेकिन मुझे अभी शादी नहीं करनी थी।इतना सब होने के बाद सायद पापा कही न कहीं अंकिता को गलत समझने लगे थे,हमेशा से ऐसा चलता आ रहा है जो लोग अपने हक़ और अपने अधिकार के लिए बोलना सीख जाते है तो सबके नजर में वो लोग गलत ही होते है।
और फिर आखिर वही हुआ जिस का मुझे डर था।पापा ने मुझे कहा कि,अब अंकिता घर नहीं आनी चाहिए और में नहीं चाहता कि तुम उससे ज्यादा दोस्ती रखो।इतना सुनते ही मेरी आंखो से अपने आप असू आने लगे,मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझसे मेरी ज़िन्दगी से दूर होने को बोल दिया है।
मैंने किसी तरह पापा के सामने तो अंकिता को बोल दिया,कि अब हम बात नहीं कर सकते।ये सब मै सिर्फ अपने घर वालो के खुशी के लिए बोली थी लेकिन हम इतनी आसानी से हमारी दोस्ती थोड़ी ना तोड़ सकते है।भले ही हम घर में नहीं मिल सकते थे।घर से बाहर तो हमारी दोस्ती हमेशा रहेगी।
सच्ची दोस्ती जहा होती है, वहा अपने आप एक परिवार बन जाता है।हमारी दोस्ती आज भी है।और हम दोनों मिलकर अपने अपने लाइफ के लिए मेहनत कर रहे है।
संयोग से बनी मेरी दोस्त आज भी मेरे साथ है जो मेरी हर प्रॉब्लम में मेरे साथ होती है।
2 Comments:
Hello !
Mai bhi ek blogger hi maine bhi blog banaye hai
Blog - arinavtech.blogspot.com
Aap itna achha kaise likhate ho.
Mai to aapka fan ho gaya .
Blog ke bare me aapse kuchh bat karni hai
Email id kya hai tumhara please reply
Aap humare contact page me apna email or name likh kar mere blog se related koi bhu questions kar sakte hai
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